रोजा रख महावीरी झंडा सिल रहे बेरमो के अब्दुल
गंगा जमुना तहजीब की मिसाल पेश कर रहे है मुस्लिम कारीगर, रामनवमी में महावीर झंडा बना रहे हैं मुस्लिम कारीगर। पिछले 60 सालों से पूरा परिवार सिल रहा है महावीरी झंडा, उर्स की तरह रामनवमी का रहता है इंतजार। प्रतिदिन छोटाबड़ा मिलाकर सिलते हैं 100 झंडा।
संवादाता, स्तंभ न्यूज
रामनवमी पर्व के मौके पर झारखंड के बोकारो जिले के जरीडीह बाजार के मुस्लिम कारीगर सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देते हुए रोजाना महावीरी झंडा सिल रहे हैं। यहां रोजा रख कर अब्दुल अजीज प्रतिदिन छोटा-बड़ा सौ झंडे सिल रहे हैं। अजीज ने बताया कि उनके यहां गोमिया, तेनुघाट बीटीपीएस, फुसरो, नावाडीह, तुपकाडीह कथारा सहित अन्य जगहों के व्यवसायी व मंदिर कमेटी के लोग झंडा तैयार करवाने आते हैं। उन्होंने बताया की अबतक सैकड़ों झंडा सिल चुके हैं, कहा कि बेरमो
शुरू से ही गंगा-जमुनी तहजीब का उद्गम स्थल रहा है। यहां मुस्लिम और हिंदू
दोनों समुदाय आपसी भाईचारे के साथ हर त्योहार मनाते हैं। अब्दुल अजीज ने
बताया कि हमारा परिवार पिछले 60 वर्षों से रामनवमी के अवसर पर महावीर झंडा
बनाते आ रहे हैं। पहले हमारे पिता झंडा बनाने का कार्य करते थे, उनके गुजरजाने के बाद मैं बेटों के साथ मिलकर महावीरी झंडा सिलने का काम करते है। अजीज ने बताया कि उर्स की तरह हमें राम नवमी का भी बेसब्री से रहता है।महावीर
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