स्वामी हंसानंद महराज ने राम विवाह का श्रोताओं को कराया रसपान

स्वामी हंसानंद महराज ने राम विवाह का श्रोताओं को कराया रसपान


संसवादाता, स्तंभ न्यूज। महायज्ञ के सातवें दिन राम विवाह का श्रोताओं को कराया रसपानजौनपुर में आयोजित लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में हो रहे कथा प्रवचन के सातवें दिन हरिद्वार से आये स्वामी हंसानंद गिरि जी महाराज ने भगवान श्री राम ने जनकपुर जा कर सभी के मन को मोहा। पुष्प वाटिका में माता सीता से मुलाकात हुई और रंग मंडप में धनुष भंग किया। धनुष के टूटते ही परशुराम जी का आगमन हुआ एवं उन्होंने भी भगवान को पहचाना। अयोध्या बारात लाने के लिए पूरी दुनिया में केवल भगवान का विवाह ऐसा हुआ जिसमें बिना दूल्हे की बारात निकली। भगवान के विवाह की कथा सुन कर लोगो ने आनंद लिया भोजपुरी व मैथली भजनों को लोगो ने पूरा आनंद उठाया। गंगोत्री धाम से आए स्वामी अद्वैतान्न गिरि जी महाराज ने भी अंतिम में अपना प्रवचन दिया और तीन मंत्र दिये संत पंथ और ग्रंथ का अनुसार मनुष्य को कार्य करना चाहिए। भगवान का अवतार ब्राह्मणों की सुरक्षा, गाय की रक्षा, देवताओं का काम बनाने एवं संत की रक्षा के लिए हुआ था। हमलोगों का जीवन मर्यादा पूर्ण होना चाहिए, भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हैं। यज्ञ सफल करने में यज्ञ समिति के अध्यक्ष रामकिशुन, सचिव राजकुमार, कोषाध्यक्ष गणेशराम सहित अन्य लोग मौजूद थे। 

Add Comment