बेहद अलग है ये किसान, खेती को बनाया मुनाफे का कारोबार

आकर्षक पैकेज की नौकरी छोड़ कर खेत में बहा रहे पसीना। पहले ही खेती में कमाया लाखों का मुनाफा


संवादता, स्तंभ न्यूज ।  देश में अमूमन उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद युवा मल्टी नेशनल या कॉरपोरेट सेक्टर में आराम की नौकरी करना पसंद करते हैं।  लेकिन धनबाद के हीरापुर के रहने वाले विवेक कुमार सिन्हा ने प्रबंधन की पढ़ाई करने के बाद कारपोरेट की नौकरी को छोड़ खेती में ही अपना प्रबंधकीय हूनर का प्रयोग किया और आज लोगों के लिए मिशाल हैं। वि​वेक जैविक खेती सहारे अपना व परिजनों का भविष्य संवार रहे हैं। साथ ही अपने दोस्तों को भी खेती के माध्यम से आर्थिक रुप से सबल होने का राज बता रहे हैं।  विवेक बोकारो के चंदनकियारी प्रखंड में लीज पर जमीन लेकर आर्गेनिक खेती कर रहे हैं। पिछले दो साल के खेती में विवेक अब तक लाखों रूपये कमा चुके है। विवेक के ही तरह ही कई पढ़े लिखे लोग जमे जमाए व्यवसाय और नौकरी को छोड़ खेती से जुड़े और इसे कारोबार में तब्दील कर दिया है। विवेक की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके खेती और खेती करने के तरीकों को सीखने के लिए कृषि विभाग जिले के किसानों को उनके पास भेजता है।
खास किस्म के फल व सब्जी की कर रहे है खेती :  विवेक ने बताया कि अपने खेत में खास किस्म की सब्जियों और फलों की खेती कर रहे है। जिसमें सहजन की एआर-32 और पावर प्लस तथा कैडिला फार्मेसी का रेड लेडी पपीता एवं लखनऊ के सी मैप कंपनी का लेमन ग्रास की खेती कर रहे हैं। विवेक आधुनिक तरह से कम पानी में अच्छी उपज की खेती के अलावा, औषधीय खेती पर भी रिसर्च कर रहे हैं। विवेक ने बताया कि पिछले सीजन में गोभी की खेती की थी जिसमें चार लाख का मुनाफा हुआ था। सहजन का बीज छत्तीसगढ़ से और पपीता का बीज गुजरात से मंगाया है। पपीता और सहजन दोनों को एक कोलकाता के एक्सपोर्टर से बेचने की बात हुई है। उन्होंने बताया कि सहजन पूरे 12 माह फल देगा।
दोस्त का खेत देख आया आइडिया :
मुंबई से एमबीए करने के बाद वहीं के एक मल्टीनैशनल कंपनी में जाब करते थे। लेकिन जाब से ज्यादा रुचि व्यवसाय में थी। तो नौकरी छोड़ धनबाद लौटकर साफ्टवेयर बेचने का व्यवसाय शुरू किया। व्यवसाय अच्छा खासा चल-पड़ा सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। पिता जी बीसीसीएल में वित्त प्रबंधक से सेवानिवृत्त हुए और छोटा भाई सउदी अरब में जाब करता है। विवेक ने बताया एक बार छत्तीसगढ़ अपने दोस्त से मिलने गया था। वहां देखा कि उसने नौकरी छोड़ खेती को व्यवसाय बनाया था और आज उसका लाखों का टर्नओवर था। वह तीस एकड़ में मिर्च की खेती करता था। इसी तरह कुछ और दोस्तों से बात की तो वह भी खेती ही में किस्मत आजमा रहे थे। यही देख कर मैंने भी खेती की ठानी खेत नहीं होने की वजह से लीज पर खेत लेने की सोची। धनबाद में कहीं भी खेत नहीं मिला तो बोकारो के चंदनकियारी में 9 एकड़ में खेती की। पहली बार तरबूज की खेती की लेकिन कुछ खास मुनाफा नहीं हुआ। मैंने हार नहीं मानी और खेती की बारीकियां खेती कर रहे अपने दोस्त, सफल किसान और नेट पर काफी रिसर्च सीखी। उसके बाद गोभी की खेती की जिसमें मुझे जबरदस्त मुनाफा मिला। उसे बाद पीछे मुड़ कर देखना नहीं पड़ा। अभी विवेक 18 एकड़ लीज पर लेकर खेती कर रहे हैं।
विवेक की तरह आरके प्रसाद और प्रकाश नायक भी चंदनकियारी में खेत ले आर्गेनिक खेती कर रह हैं। आरके प्रसाद ने बताया कि चंदनकियारी में 9 एकड़ जमीन खरीद कर लेमनग्रास की खेती की। लखनऊ की सी-मैप कंपनी ने करीब डेढ़ लाख  पौधे खरीद लिया। बाकी आस-पास के व्यवसायी ने भी खरीद लिया है। अब इसे और बड़े स्तर इसकी खेती करेंगे। इसी तरह प्रकाश नायक भी लीज पर खेत लेकर पपीता और सहजन की खेती कर रहे हैं।

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