दो शिक्षकों की मेहनत लाया रंग, ड्रैगन फ्रूट की खेती कर कमा रहे लाखों
दो शिक्षकों की मेहनत लाया रंग, ड्रैगन फ्रूट की खेती कर कमा रहे लाखों
स्तंभन्यूज ब्यूरो : झारखंड के बोकारो जिले के पेटरवार प्रखंड की चांदो पंचायत के दो
शिक्षकों ने कोरोना काल के विपरीत परिस्थिति को अवसर समझ ड्रैगन फ्रूट की
खेती कर अन्य किसानों के लिए मिसाल पेश की है। कोरोना काल में उत्क्रमित
हाई स्कूल चांदो के शिक्षक दिनेश कुमार सिंह एवं बलदेव मांझी ने एक एकड़
में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरु की थी, जिसका सुखद परिणाम अब उन्हें मिल रहा
है। उनके खेत में उगे ड्रैगन फ्रूट की स्थानीय बाजार सहित दूसरे राज्य में
भी काफी डिमांड है। शिक्षक दिनेश ने बताया कि अभी कोलकाता, पटना, रांची,
हजारीबाग, रामगढ़, धनबाद व बोकारो सहित अन्य शहरों में व्यवसायी के मांग
अनुरूप ड्रैगन फ्रूट की आपूर्ति कर रहे हैं। अभी तक उन्होंने दो साल में
करीब पांच टन ड्रैगन फ्रूट की फसल बेच चुके हैं।
- बाजार में सौ रुपये पीस बिकता है ड्रैगन फ्रूट : न्यूट्रीशन व एंटीआक्सिडेंट सहित अन्य खूबियों से भरपूर ड्रैगन फ्रूट बाजार में 100 से 120 रुपये पीस बिकता है। दिनेश सिंह ने बताया कि व्यवसायी उनसे 180 से 200 रुपये किलो के हिसाब से खरीदते हैं। बताया कि पिछले दो माह में करीब तीन टन फलों की आपूर्ति विभिन्न शहरों में कर चुके हैं। बताया कि पिछले साल करीब डेढ़ टन के आस पास ड्रैगन फल की फसल हुई थी। इस साल करीब तीन टन के आस-पास फल की तोड़ाई कर चुके हैं। फलों की दूसरी तोड़ाई एक हफ्ते बाद फिर से की जाएगा। अभी नवंबर तक फलों की तोड़ाई चलेगी। एक बार पेड़ लगाने के बाद करीब 15 साल तक फसल होती है।
- प्रधानमंत्री के मन की बात सुन खेती करने का आया आइडिया : शिक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोनाकाल में सबकुछ बंद था, इसी दौरान वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने को प्रेरित किया गया। इसके बाद ड्रैगन फ्रूट की खेती करने में सोच, इंटरनेट मीडिया पर काफी सर्च व जानकारी एकत्र करने के बाद अपने साथी शिक्षक बलदेव माझी को खेती का आइडिया शेयर किया। जिसके बाद हम दोनों लोग मिल कर देश में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे किसानों का आनलाइन नंबर निकाल उनसे बात कर खेती की बारीकियों को जाना। इसी क्रम में हैदराबाद के किसान श्रीनिवासन से बात हुई, उन्होंने बताया कि वह करीब 14 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। श्रीनिवासन खेती की सारी जानकारियां व वीडियो शेयर खेती के बारे में अवगत कराया। इसके बाद मैं व साथी शिक्षक बलदेव की करीब एक एकड़ बंजर जमीन पर खेती का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया। सब तैयार होने के बाद हैदराबाद से ही श्रीनिवासन से करीब दो हजार ड्रैगन फ्रूट के पौधा को मंगवा कर यहां खेती शुरु की। बताया की सब कुछ तैयार करने में करीब साढ़े आठ लाख रुपये के आस पास लागत आई थी। दिनेश ने बताया कि ड्रैगन फूट का पेड़ एक बार लगाने के बाद 15 से 20 साल तक इससे फल मिलता रहेगा।
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