बारिश में बह गया चिड़वा नदी पर बना लकड़ी का पुल, बरतुआ के ग्रामीण फंसे

बारिश में बह गया चिड़वा नदी पर बना लकड़ी का पुल, बरतुआ के ग्रामीण फंसे, पूरा गांव टापू में हुआ तब्दील, ट्यूशन पढ़ने गया छात्र नहीं लौट सका घर


बारिश में बह गया चिड़वा नदी पर बना लकड़ी का पुल, बरतुआ के ग्रामीण फंसे
स्तंभन्यूज, बेरमो : झारखंड के प्रदेश के बोकारो जिले के गोमिया क्षेत्र में हो रहे लगातार बारिश के कारण कई बरसाती नदी उफान पर है, भारी बारिश की वजह से प्रखंड की लोधी पंचायत अंतर्गत बगलतवा में चिड़वा नदी पर बना अस्थायी लकड़ी का पुल शुक्रवार को बह गया। पुल बहने की वजह से बरतुआ गांव के लोग अब दूसरे जगह से पूरी तरह से कट गए हैं। क्योंकि गांव में आने-जाने का मात्र एक साधन यह पुल था। कोई अन्य विकल्प नहीं होने की वजह से अब बरतुआ गांव में ही लोग फंसे हुए हैं। गांव के चेतलाल भोक्ता व गोविन्द भोक्ता ने बताया कि बारिश में यह गांव टापू में तब्दील हो जाता है, जिस कारण गांव वाले मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य एवं बाजार से पूरी तरह से कट जाते हैं। शिक्षक अनिल हेम्ब्रम भी गांव नदी पाकर यहां पढ़ाने आते हैं। बताया कि अगर गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो उसे गोमिया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल भी नहीं लाया जा सकता है। मजबूरी इतनी है कि गंभीर रूप से पीड़ित को उसके स्वजन व गांव वाले काल के गाल में समा जाते हैं। वह मूकदर्शक बनकर अपनी आंखों से देखते रहते हैं। अगर जरूरत का सामान भी लेना हो तो वह चाह कर भी बाजार नहीं जा सकते है, सुबह से ही गांव वाले नदी के दूसरे छोर पर बैठकर बहाव कम होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे रोजी-रोटी से जुड़ सके।

ग्रामीणों ने बताया कि हर साल गांव के लोग मिलकर लकड़ी का अस्थायी पुल बनाते हैं, इसी पुल से क्षेत्र के दर्जनों स्कूली बच्चों व ग्रामीण आना-जाना करते हैं। हर बार जब भारी बारिश होती है तो लकड़ी का पुल टूट कर नदी में समा जाता है। गोमिया प्रखंड कार्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल गांव बरतुआ है, यहां कि आबादी 250-300 की है। बरतुआ गांव एक तरफ कोनार नदी तो दूसरी तरफ चिड़वा नदी से घिरा हुआ है। बरसात के दिनों में यह गांव पूरी तरह से टापू में तब्दील हो जाता है। कई कई दिनों तक लोग न तो गांव से निकल पाते हैं न ही कोई गांव पहुंच पाता है।

पुल बहने की वजह से घर नहीं लौट पाया छात्र :
बरतुआ निवासी सोहर गंझू का 10 वर्षीय पुत्र अजय भोक्ता मध्य विद्यालय करमाटांड़ के छठी कक्षा में पड़ता है। गुरुवार को वह ट्यूशन पढ़ने के लिए करमाटांड गया था। वापस लौटने के समय बारिश की वजह से पानी के तेज बहाव के कारण लकड़ी पुल पानी में बह गया। जिस कारण अजय घर नहीं लौट पाया। अजय बगलतवा स्थित अपनी मुहबोली दादी के यहां रात बितानी पड़ी। वहीं शुक्रवार को नदी तट के किनारे बैठ पानी के बहाव कम होने का इंतजार कर रहा था, ताकि घर लौट सके। लेकिन शुक्रवार को भी बारिश की वजह से उसे बगलतवा में ही रुकना पड़ेगा। इस संबध में बीडीओ कपिल कुमार ने बताया कि पिछले दिनों घटनास्थल का निरीक्षण किया गया था, जिसके बाद वास्तुस्थिति से वरीय अधिकारियों को अवगत कराया गया था। बगलतवा-बरतुआ को जोड़ने के लिए चिड़वा नदी पर उच्चस्तरीय पुल का निर्माण स्वीकृत हो चुका है। मिट्टी जांच के बाद टेंडरिंग प्रक्रिया निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। 

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