विद्युत विभाग का उपभोक्ताओं पर 375 करोड़ बकाया
मार्च माह में विभाग ने अबतक 60 हजार 798 उपभोक्ताओं को भेजा लीगल नोटिस। 6500 उपभोक्ता की काटी जा चुकी है बिजली, 500 पर दर्ज किया गया प्राथमिकी
संवादाता, स्तंभ न्यूज : झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीविएनएल) का जिले में उपभोक्ताओं पर करीब 375 करोड़ रुपये बकाया है। इतनी बड़ी राशि की वसूली विभाग के लिए किसी जंग लड़ने से कम नहीं है। फिर भी विभाग बकाया राशि वसूलने को रेस हो गया है। अगर बड़े बकायेदारों की बात करें तो सबसे अधिक बकाया तेनुघाट अंचल में पीएचडी विभाग का चार करोड़ हैं। वहीं नगर निगम चास करीब तीन करोड़
रुपये बकाया है विद्युत विभाग की ओर से बकाया राशि जमा करने को लेकर विभाग
गांव-गाव व डोर टू डोर जागरूकता अभियान भी चला रही है। विभाग की ओर से
वसूली को एक माह के अंदर पूरे जिले में 81 जगह शिविर लगाकर लोगों को जागरूक
किया गया है।
60 हजार उपभोक्ताओं को भेज चुकी है लीगल नोटिस : बकाया राशि जमा करने को लेकर विभाग की ओर से केवल मार्च माह में 60 हजार उपभोक्ताओं को लीगल नोटिस निर्गत कर चुकी है। साथ ही 6500 उपभोक्ताओं की बिजली भी काटी जा चुकी है। बिजली काटने के एवज में विभाग को करीब दो करोड़ 70 लाख के आस-पास का राजस्व प्राप्त हुआ है। वहीं लीगल नोटिस के अगेंस्ट 42 लाख के आस-पास राजस्व की प्राप्ति हुई है। जबकि 500 लोगों पर प्राथमिक दर्ज किया गया है, जिसके एवज में विद्युत विभाग को 38 लाख के आस-पास राजस्व प्राप्त हुआ है। विभागीय अधिकारी की माने तो बकाया राशि का भुगतान नहीं होने पर नगर निगम व पीएचडी विभाग की बिजली आपूर्ति बंद की जा सकती है। बिजली आपूर्ति बंद होने से चास व फुसरो क्षेत्र में जलापूर्ति पूरी तरह से बंद हो सकती है। एक हजार ऐसे उपभोक्ता हैं जिन पर सात हजार से अधिक का बकाया है। वहीं 500 उपभोक्ता ऐसे हैं जिन पर दस हजार से अधिक बकाया है। चास अंचल ने मार्च माह में सात करोड़ रुपये के आस-पास राजस्व प्राप्त किया है। वहीं तेनुघाट अंचल ने साढ़े चार करोड़ के आस-पास वसूली की है।
60 हजार उपभोक्ताओं को भेज चुकी है लीगल नोटिस : बकाया राशि जमा करने को लेकर विभाग की ओर से केवल मार्च माह में 60 हजार उपभोक्ताओं को लीगल नोटिस निर्गत कर चुकी है। साथ ही 6500 उपभोक्ताओं की बिजली भी काटी जा चुकी है। बिजली काटने के एवज में विभाग को करीब दो करोड़ 70 लाख के आस-पास का राजस्व प्राप्त हुआ है। वहीं लीगल नोटिस के अगेंस्ट 42 लाख के आस-पास राजस्व की प्राप्ति हुई है। जबकि 500 लोगों पर प्राथमिक दर्ज किया गया है, जिसके एवज में विद्युत विभाग को 38 लाख के आस-पास राजस्व प्राप्त हुआ है। विभागीय अधिकारी की माने तो बकाया राशि का भुगतान नहीं होने पर नगर निगम व पीएचडी विभाग की बिजली आपूर्ति बंद की जा सकती है। बिजली आपूर्ति बंद होने से चास व फुसरो क्षेत्र में जलापूर्ति पूरी तरह से बंद हो सकती है। एक हजार ऐसे उपभोक्ता हैं जिन पर सात हजार से अधिक का बकाया है। वहीं 500 उपभोक्ता ऐसे हैं जिन पर दस हजार से अधिक बकाया है। चास अंचल ने मार्च माह में सात करोड़ रुपये के आस-पास राजस्व प्राप्त किया है। वहीं तेनुघाट अंचल ने साढ़े चार करोड़ के आस-पास वसूली की है।
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