याद किए गए क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु
याद किए गए क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु
स्तंभ संवाददाता : गुरुवार को क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु याद किए गए। यहां जगह-जगह समारोह आयोजित कर उनका बलिदान दिवस मनाया गया। शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं ने उनकी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर नमन किया। कहा कि भारत को आजाद कराने के लिए इन वीर सपूतों ने हंसते-हंसते मौत को गले लगा लिया था। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। कहा कि इन शहीदों की भावना देशवासियों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी। शहीदे आजम भगत सिंह को याद करते हुए कहा कि मात्र 23 वर्ष की उम्र में ही आजादी के जंग में कूद पड़े थे। भगत सिंह का बलिदान दिवस आज हम संकल्प दिवस के रूप में मना रहे हैं। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का बलिदान आज की वर्तमान परिस्थिति में एक प्रेरणा का स्रोत है। वक्ताओं ने कहा भगत सिंह ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करते हुए न केवल भारत को आजाद कराना चाहते थे बल्कि वह भारत में एक शोषण विहीन समाज की स्थापना करना चाहते थे। इसी उद्देश्य की पूर्ति में उन्होेंने बलिदान दिया। भगत सिंह सांप्रदायिकता के खिलाफ एवं धार्मिक अंधविश्वास के खिलाफ डटकर आवाज बुलंद करते रहे। इसीलिए आज भगत सिंह युवाओं एवं छात्रों के प्रेरणादायक हैं। कहा भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जैसे लाखों क्रांतिकारियों ने अपना बलिदान देकर देश को आजाद कराया है। गोरे अंग्रेज तो चले गये, पर आज भी पूंजीपतियों एवं निजी मालिकों के हाथों देश गुलाम बन रहा है। रोजगार के साधन घटते जा रहे हैं और महंगाई बेतहाशा बढ़ती जा रही है। शहीद भगत सिंह ने शोषण, भुखमरी, बेरोजगारी, रहित समाज का सपना देखा था। जो आज भी अधूरा है।
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