मशरूम की खेती से संपन्नता की लाली
मशरूम की खेती से संपन्नता की लाली
संवाददाता, स्तंभ न्यूज ः बेरमो
अनुमंडल के कई ग्रामीण क्षेत्रों में मशरूम की खेती से संपन्नता की लाली आ
रही है। उनमें शामिल है चंद्रपुरा प्रखंड की पपलो पंचायत, जहां की रेणुका
देवी ने मशरूम उपजाकर अपने परिवार में खुशहाली लाई है। मात्र चार हजार सात
सौ रुपये की लागत से एक वर्ष पूर्व मशरूम के उत्पादन की शुरूआत कर अब
प्रतिमाह बीस हजार रुपये वे आय कर रही हैं। वे अपने घर में ही मशरूम का
उत्पादन करती हैं। साथ ही बाजार जाकर बेचती भी हैं। वे यह कार्य घरेलू
कामों को संभालते हुए कर रही हैं।
फरवरी-2019 से की उत्पादन की शुरूआत : रेणुका देवी ने बताया कि पिछले साल फरवरी-2019 से उन्होंने महज चार हजार सात सौ रुपये की पूंजी लगाकर दस बैग से मशरूम उपजाने का कार्य अपने घर के एक कमरे में शुरू किया, अब दो सौ बैग से मशरूम उत्पादन कर रही हैं। प्रति किलो मशरूम उपजाने में 50 रुपये खर्च हाेता और डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो की दर से बिकता है। अपने घर में ही ढाई सौ ग्राम व पांच सौ ग्राम मशरूम के पैकेट बनाती हैंऔर निकटवर्ती बाजार ले जाकर बेचती हैं।
फिलहाल उपजा रहीं आयस्टर मशरूम : उपजा रही रेणुका देवी ने बताया कि मशरूम की आमदनी से वे अपने पुत्र को बीटेक की और बेटी को इंटरमीडिएट की पढ़ाई करा रही हैं। फिलहाल वे आयस्टर प्रजाति के मशरूम उपजा रही हैं। सरकारी सहयोग पाने के लिए उन्होंने चंद्रपुरा प्रखंड कार्यालय से संपर्क किया है। यदि सरकारी सहयोग मिल जाए तो इस कारोबार को वे और ज्यादा आगे बढ़ाकर अन्य प्रजाति के मशरूम उत्पादन कर सकेंगी। कोई भी महिला गृहकार्य करते हुए अपने घर में मशरूम उत्पादन आसानी से कर सकती हैं।
फरवरी-2019 से की उत्पादन की शुरूआत : रेणुका देवी ने बताया कि पिछले साल फरवरी-2019 से उन्होंने महज चार हजार सात सौ रुपये की पूंजी लगाकर दस बैग से मशरूम उपजाने का कार्य अपने घर के एक कमरे में शुरू किया, अब दो सौ बैग से मशरूम उत्पादन कर रही हैं। प्रति किलो मशरूम उपजाने में 50 रुपये खर्च हाेता और डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो की दर से बिकता है। अपने घर में ही ढाई सौ ग्राम व पांच सौ ग्राम मशरूम के पैकेट बनाती हैंऔर निकटवर्ती बाजार ले जाकर बेचती हैं।
फिलहाल उपजा रहीं आयस्टर मशरूम : उपजा रही रेणुका देवी ने बताया कि मशरूम की आमदनी से वे अपने पुत्र को बीटेक की और बेटी को इंटरमीडिएट की पढ़ाई करा रही हैं। फिलहाल वे आयस्टर प्रजाति के मशरूम उपजा रही हैं। सरकारी सहयोग पाने के लिए उन्होंने चंद्रपुरा प्रखंड कार्यालय से संपर्क किया है। यदि सरकारी सहयोग मिल जाए तो इस कारोबार को वे और ज्यादा आगे बढ़ाकर अन्य प्रजाति के मशरूम उत्पादन कर सकेंगी। कोई भी महिला गृहकार्य करते हुए अपने घर में मशरूम उत्पादन आसानी से कर सकती हैं।
नर्रा निवासी थानु महतो ने
दिया प्रशिक्षण : उन्होंने बताया कि उन्हें मशरूम उत्पादन करने का
प्रशिक्षण आदर्श ग्राम विकास सेवा समिति नावाडीह के समन्यवक सह नर्रा
निवासी थानु महतो ने दिया। वे महिलाओं को मशरूम उपजाने सहित अन्य
रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देने का कार्य करते हैं। मशरूम उत्पादन करना बेहद
आसान कार्य है। कम लागत में ही यह कार्य आसानी से घर पर महिलाएं कर सकती
हैं। सारी सामग्री स्थानीय बाजार में उपलब्ध हैं।
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